man of god smith wigglesworth biography in hindi

man of god smith wigglesworth  biography in hindi  स्मिथ विग्गलवर्थ की जीवनी

जय मसीह की दोस्तों ,

 दोस्तों आज हम एसे  apostle के बारे में जानने वाले जिसे apostle of faith कहा जाता है।उसका नाम है स्मिथ विग्गलवर्थ। तो चलिए दोस्तों जानते है स्मिथ विग्गलवर्थ के बारे में 

 

 स्मिथ विग्गलवर्थ का जन्म सन 1859 में इग्लेंड के एक गरीब परिवार में हुआ था। स्मिथ ने बचपन ही से काम करना चालू कर दिया था इसलिए वह स्कूल नहीं जा पाएँ। उन्हों ने परिवार की मदद करने के लिए कारखानों में भी काम करने लगे। एक दिन वह अपनी दादी के साथ एक सुसमाचार सभा को गए और वहाँ  सुसमाचार सुन रहा था उस संदेश को सुनकर परमेश्वर के प्यार को और प्रभु यीशु मसीह की क्रुसीकरण को जानकर यीशु मसही को अपना सच्चा उद्धारकर्ता स्वीकार करने लगा। तब से स्मिथ के दिल में एक भोज उत्पन हुआ की जो भी लोग नाश की ओर बढ़ रहे है उन सबको प्रभु यीशु मसीह के उद्धार के मार्ग पर लाकर सच्चाई के मार्ग पर ले चले।

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 स्मिथ की शादी Mary Jane Featherstone से हुवी और उसके बाद अपनी पत्नी से स्मिथ ने पढ़ना सीखा और इतना ही नहीं स्मिथ ने bible भी पढ़ना सीख लिया। स्मिथ bible पढ़ना बहुत ही पसंद करते थे इसलिए वह घर में दूसरे सुसमाचार के पत्र नहीं रखने देते थे bible  को प्यार करते थे इसलिए bible ही  ज्यादा पढ़ते थे। स्मिथ सन्देश सुनाने में हकलाते थे क्योँकि उनको सन्देश सुनाने की प्रतिभा नहीं थी इसलिए लोग उनके सन्देश सुनकर कुड़कुड़ाने लगे उसके बाद स्मिथ ने अपनी पत्नी के साथ बच्चों के बीच में सेवा करना शरू किया। एक रात स्मिथ ने प्रार्थना किया मूसा जो बोलने में बद था उसको भी इस्तेमाल किया तूने प्रेरितों को भी कोने कोने में जाके सुसमाचार सुनाने में सहायता किया प्रभु मुझे भी उपयोग कर मुझे भी सुसमाचार सुनाने का सामर्थ दे उसके बाद परमेश्वर ने स्मिथ को अद्भुत सामर्थ्य से भर दिया और परमेश्वर ने उसकी सेवकाई को आशीषित किया।

स्मिथ की सेवकाई में पापों से उद्धार और शैतान की शक्तियों से आज़ादी मिलना स्मिथ की सेवकाई में दिखने लगा। परमेश्वर ने स्मिथ को अदभुत रीती से उपयोग करने लगा। स्मिथने अपना पूरा जीवन परमेश्वर के हाथों में सौंप दिया। वह किसी भी बात के लिए चिंता नहीं करता था। स्मिथ विनम्र और सरल व्यकिती था। स्मिथ पवित्र और साहसी जीवन जीता था।  

स्मिथ कहता था में हर 15 मिनिट में bible नहीं पढ़ता तो में जी नहीं सकता। जब एक व्यक्ति ने स्मिथ से पूछा आप कितने घंटे प्रार्थना करते हो तो स्मिथ ने कहा में लगातार प्रार्थना करता हूँ और में प्रार्थना के बिना जी नहीं सकता प्रार्थना ही मेरी श्वास है। स्मिथ प्रार्थना वादी व्यकती थे। 

एक बार स्मिथ ट्रेन से यात्रा रहे थे उस समय उस ट्रेन में एक स्त्री और बच्चा भी था वो बहुत बीमार थे तब स्मिथ  मेरे पास तुम्हारी बीमारी का दवा है तब उस स्त्री ने कहा कृपया मुझे वो दवा दीजिए ताकि हम ठीक हो जाए स्मिथ ने अपनी बाइबिल में से निर्गमन अध्याय 15:26 पढ़ने लगा उसके बाद प्रार्थना करने लगा

क्या आपने निर्गमन 15:26 पढ़ा है नहीं  चलो तो देखते है किया लिखा है  – 

“कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी आज्ञाओं पर कान लगाए, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजा है उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारा चंगा करने वाला यहोवा हूं॥”

प्रार्थना के बाद परमेश्वर ने स्त्री और बच्चे को अदभुत रीते से चंगाई मिली उसके बाद स्त्री और बच्चा परमेश्वर की महिमा करने लगे। 

एक बार स्मिथ की पत्नी वचन प्रचार कर रही थी अचानक वह नीचे गिर कर मर गई स्मिथ ने यह देख कर यीशु मसीह से प्रार्थना कर और मृत्यु को डांट कर अपनी पत्नी को जिन्दा जिलाया उसके बाद स्मिथ की पत्नी जिन्दा होकर कहने लगी मुझे क्यों जिलाया में संसार में अपनी दौड़ पूरी कर चुकी हूँ और में अब अपने परमेश्वर यीशु मसीह के उपस्थिति जा रही हूँ मुझे क्यों जिलाया कहने लगी। उसके बाद स्मिथ ने परमेश्वर की धीमी आवाज़ सुनी की तुम्हारी पत्नी संसार में अपना वक़त पूरा कर चुकी है वह अब मेरे साथ है तुम उसकी चिंता मत करो वह मेरे उपस्थिति में रहेगी। में उसकी देखभाल करूँगा। यह सुनकर स्मिथ ने अपनी पत्नी को यीशु मसीह के हाथ में सौंप दिया और स्मिथ की पत्नी का स्वर्गवास हो गया। 

स्मिथ के 72 वर्ष की आयु में परमेश्वर ने कहा आपका समय संसार में पूरा हो चूका है उसके बाद स्मिथ  परमेश्वर से प्रार्थना किया परमेश्वर बहुत से लोग अब भी नाश की ओर जा रहे है मुझे आपके लिए ओर भी काम करना है हिजकिया की तरह स्मिथ ने प्रार्थना किया और परमेश्वर ने स्मिथ की प्रार्थना को सुना और स्मिथ की आयु में 15 साल जोड़ दिया गया इस तरह से स्मिथ परमेश्वर के लिए काम करता रहा और परमेश्वर की महिमा करता रहा। साल 1947 में स्मिथ का स्वर्गवास हो गया। इस तरह से स्मिथ ने अपनी दौड़ पूरी करके परमेश्वर की उपस्तिथि में स्वर्गवास हो गया 

स्मिथ की सेवकाई में शैतान के बन्धनों से छुटकारा , रोगों से चंगाई , अदभुत चिन्हों और चमत्कार, दुष्ट आत्मा से छुटकारा ,मुर्दो को जिलाना आदि चमत्कार परमेशवर ने स्मिथ के द्वारा किया । 

परमेश्वर ने स्मिथ का उपयोग किया इसका कारण है वो bible  से प्यार करता था उसे पढता और उसे भी ज्यादा वह प्रार्थना करता था। स्मिथ कहता था मुझे मेरी ताकत पर भरोसा नहीं है पर परमेश्वर पर मेरा अटूट विश्वास है। स्मिथ पप्रार्थना वादी व्यक्ति था वो कहता था प्रार्थना मेरी श्वास है में प्रार्थना किये बिना और वचन पढ़े बिना रह नहीं सकता। 

आज हमें भी स्मिथ के जीवन से चुनैती लेने की जरुरी हे की हमे भी परमेश्वर के वचन ज्यादा को पढ़ना है  और अधिक प्रार्थना करना है और परमेश्वर की उपस्तिथि में समय को बिताना है और पमेश्वर की महिमा करनी है। 

आपको स्मिथ विग्गलवर्थ की जीवनी कैसे लगी और अगला आर्टिकल किस प्रभु के दास के जीवन के बारे में आर्टिकल लिखूँ comment करके जरूर बताए।

 

Thank you…..

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