bible verses about encouragement in hindi

 Bible verses about Encouragement in hindi

यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है॥ (भजन संहिता 34:18)
मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; 
चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है॥ (भजन संहिता 37:23-24)
 
 
  
तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा।
तू मेरी सन्मान को बढ़ाएगा, और फिर कर मुझे शान्ति देगा॥ (भजन संहिता 71:20-21)
जब मेरे मन में बहुत सी चिन्ताएॅं होती हैं, तब हे यहोवा, तेरी दी हुई शान्ति से मुझ को सुख होता है। (भजन संहिता 94:19)
मेरे दु:ख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैं ने जीवन पाया है। (भजन संहिता 119:50)
चाहे मैं संकट के बीच में रहूॅं तौभी तू मुझे जिलाएगा, तू मेरे क्रोधित शत्रुओं के विरुद्ध हाथ बढ़ाएगा, और अपने दाहिने हाथ से मेरा उद्धार करेगा। (भजन संहिता 138:7)
मैं अपने शोक की बातें उस से खोलकर कहता, मैं अपना संकट उस के आगे प्रगट करता हूॅं। (भजन संहिता 142:2)
क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका दीवार पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रोंके लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। (यशायाह 25:4)
मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूॅं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूॅं; मैं तुझे दृढ़ करूॅंगा और तेरी सहायता करूॅंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूॅंगा॥ (यशायाह 41:10)
जब दीन और दरिद्र लोग जल ढूॅंढ़ने पर भी न पायें और उनका तालू प्यास के मारे सूख जाये; मैं यहोवा उनकी विनती सुनूॅंगा, मैं इस्राएल का परमेश्वर उन को त्याग न दूॅंगा (यशायाह 41:17)
मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहऊॅंगा; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूॅंगा। (यशायाह 41:18)
और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बाॅंध दूॅं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊॅं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊॅं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएॅं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो। (यशायाह 61:3)
क्योंकि प्रभु मन से सर्वदा उतारे नहीं रहता,
चाहे वह दु:ख भी दे, तौभी अपनी करुणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;
क्योंकि वह मनुष्यों को अपने मन से न तो दबाता है और न दु:ख देता है। (विलापगीत 3:32-33)
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। (रोमियो 8:28)
 
 
 
और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। (फिलिप्पियों 1:6)
यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे: यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्कार करेगा। (2 तीमुथियुस 2:12)

आमीन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *