Bible verses about strength in hindi
जय मसीह की
तु अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करना, तब वह तेरे अन्न जल पर आशीष देगा, और तेरे बीच में से रोग दूर करेगा। (निर्गमन 23:25)
उस लौटकर मेरी प्रजा के प्रधान हिजकिय्याह से कह, कि तेरे मूलपुरुष दाऊद का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और तेरे आंसू देखे हैं; देख, मैं तुझे चंगा करता हूँ; परसों तू यहोवा के भवन में जा सकेगा। (2 राजा 20:5)
और दाऊद की प्रतिष्ठा अधिक बढ़ती गई और सेनाओं का यहोवा उसके संग था। (1 इतिहास 11:9)
हे यहोवा तेरी सामर्थ्य से राजा आनन्दित होगा; और तेरे किए हुए उद्धार से वह अति मगन होगा। (भजन संहिता 21:1)
उसने तुझ से जीवन माॅंगा, ओर तू ने जीवन दान दिया; तू ने उसको युगानुयुग का जीवन दिया है। (भजन संहिता 21:4)
क्योंकि तू ने उसको सर्वदा के लिये आशीषित किया है; तू अपने सम्मुख उसको हर्ष और आनन्द से भर देता है। (भजन संहिता 21:6)
वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती। (भजन संहिता 34:20)
हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं। इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो गया और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊॅं। (भजन संहिता 71:17-18)
वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है। (भजन संहिता 112:7)
और तू अपने मार्ग पर निडर चलेगा, और तेरे पाॅंव में ठेस न लगेगी। (नीतिवचन 3:23)
हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों मे उन्नति करे, और भला चंगा रहे। (3 यूहन्ना 1:2)
क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे शत्रुओं से युद्ध करने और तुम्हें बचाने के लिये तुम्हारे संग संग चलता है। (व्यवस्थाविवरण 20:4)
फिर दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान से कहा, हियाव बाॉंध और दृढ़ हो कर इस काम में लग जा। मत डर, और तेरा मन कच्चा न हो, क्योंकि यहोवा परमेश्वर जो मेरा परमेश्वर है, वह तेरे संग है; और जब तक यहोवा के भवन में जितना काम करना हो वह न हो चुके, तब तक वह न तो तुझे धोखा देगा और न तुझे त्यागेगा। (1 इतिहास 28:20)
अर्थात उसका सहारा तो मनुष्य ही है परन्तु हमारे साथ, हमारी सहायता और हमारी ओर से युद्ध करने को हमारा परमेश्वर यहोवा है। इसलिये प्रजा के लोग यहूदा के राजा हिजकिय्याह की बातों पर भरोसा किए रहे। (2 इतिहास 32:8)
तू ने अपने बैरियों के कारण बच्चों और दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नींव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेने वालों को रोक रखे। (भजन संहिता 8:2)
क्योंकि तेरी सहायता से मैं सेना पर धावा करता हूॅं; और अपने परमेश्वर की सहायता से शहरपनाह को लाॅंघ जाता हूॅं। (भजन संहिता 18:29)
यह वही ईश्वर है, जो सामर्थ से मेरा कटिबन्ध बाॅंधता है, और मेरे मार्ग को सिद्ध करता है। (भजन संहिता 18:32)
किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे। (भजन संहिता 20:7)
यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूॅंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता।
यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बाॅंध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह! (भजन संहिता 27:13-14)
यहोवा मेरा बल और मेरी ढ़ाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता मिली है; इसलिये मेरा हृदय प्रफुल्लित है; और मैं गीत गाकर उसका धन्यवाद करूॅंगा।
यहोवा अपनी प्रजा का बल है, वह अपने अभिषिक्त के लिये उद्धार का दृढ़ गढ़ है। (भजन संहिता 28:7-8)
धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है। (भजन संहिता 37:39)
मेरे हृदय और मन दोनों तो हार गए हैं, परन्तु परमेश्वर सर्वदा के लिये मेरा भाग और मेरे हृदय की चट्टान बना है॥ (भजन संहिता 73:26)
क्या ही धन्य है, वह मनुष्य जो तुझ से शक्ति पाता है, और वे जिन को सिय्योन की सड़क की सुधि रहती है।
वे बल पर बल पाते जाते हैं; उन में से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुॅंह दिखाएगा॥ (भजन संहिता 84:5,7)
परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है॥ (भजन संहिता 118:14)
मेरा जीवन उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल! (भजन संहिता 119:28)
क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रोंके लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। (यशायाह 25:4)
वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। (यशायाह 40:29)
यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है। (मत्ती 19:26)
हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? ( रोमियो 8:31)
यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है। (2 कुरिन्थियों 3:5)
क्योंकि हमारी लड़ाई के हथियार शारीरिक नहीं, पर गढ़ों को ढा देने के लिये परमेश्वर के द्वारा सामर्थी हैं। ( 2 कुरिन्थियों 10:4)
और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूॅंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे
इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूॅं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूॅं, तभी बलवन्त होता हूॅं॥ (2 कुरिन्थियों 12:9-10)
कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्व में सामर्थ पाकर बलवन्त होते जाओ। (इफिसियों 3:16)
प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनो। (इफिसियों 6:10)
जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। (फिलिप्पियों 4:13)
हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। (1 यूहन्ना 4:4)
क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बाॅंधकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहाॅं जहाॅं तू जाएगा वहाॅं वहाॅं तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा॥ (यहोशू 1:9)
मैं उन्हें यहोवा द्वारा पराक्रमी करूॅंगा, और वे उसके नाम से चलें फिरेंगे, यहोवा की यही वाणी है॥ (जकर्याह 10:12)
क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो परन्तु तुम्हारे पिता का आत्मा तुम में बोलता है। (मत्ती 10:20)
परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ्य पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। (प्रेरितों के काम 1:8)
जब उन्होंने पतरस और यूहन्ना का साहस देखा, ओर यह जाना कि ये अनपढ़ और साधारण मनुष्य हैं, तो आश्चर्य किया; फिर उन को पहचाना, कि ये यीशु के साथ रहे हैं। (प्रेरितों के काम 4:13)
क्योंकि क्रूस की कथा नाश होने वालों के निकट मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पाने वालों के लिये परमेश्वर की सामर्थ है। (1 कुरिन्थियों 1:18)
और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभाने वाली बातें नहीं; परन्तु आत्मा और सामर्थ का प्रमाण था।
इसलिये कि तुम्हारा विश्वास मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर हो॥ (1 कुरिन्थियों 2:4-5)
आमीन।