bible ke prayer vachan hindi me part 1

BIBLE KE PRAYER VACHAN HINDI ME PART 1

प्रिय,

आज हम बाइबल में से प्रार्थना से संबंधित वचन को देखगें।
माॅंगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। (मत्ती 7:7)
यदि तुम मुझ में बने रहो और मेरा वचन तुम में बनी रहें, तो जो चाहो माॅंगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। (यूहन्ना 15:7)
मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊॅंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता। ( यिर्मयाह 33:3)
 
उनके पुकारने से पहले ही मैं उन को उत्तर दूॅंगा, और उनके माॅंगते ही मैं उनकी सुन लूॅंगा। (यशायाह 65:24)
फिर मैं तुम से कहता हूॅं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिए एक मन होकर उसे माॅंगें, तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी।
क्योंकि जहाॅं दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहाॅं मैं उन के बीच में होता हूं॥ ( मत्ती 18:19-20)
और हमें उसके सामने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ माॅंगते हैं, तो वह हमारी सुनता है। जब हम जानते हैं कि जो कुछ हम माॅंगते हैं वह हमारी सुनता है, तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हम ने उस से माॅंगा, वह पाया है। (1 यूहन्ना 5:14-15)
निरन्तर प्रार्थना में लगे रहो। (1 थिस्सलुनीकियों 5:17)
परन्तु परमेश्वर ने तो सुना है; उसने मेरी प्रार्थना की ओर ध्यान दिया है। धन्य है परमेश्वर, जिसने न तो मेरी प्रार्थना अनसुनी की, और न मुझ से अपनी करूणा दूर कर दी है! (भजन संहिता 66:19-20)
शमौन, हे शमौन, देख, शैतान ने तुम लोगों को माॅंग लिया है कि गेंहूं की नाईं फटके।परन्तु मैं ने तेरे लिये विनती की, कि तेरा विश्वास जाता न रहे: और जब तू फिरे, तो अपने भाइयों को स्थिर करना। (लूका 22:31-32)

इसी लिये जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, वह उन का पूरा पूरा उद्धार कर सकता है, क्योंकि वह उन के लिये विनती करने को सर्वदा जीवित है॥(इब्रानियों 7:25)
इसलिए मैं चाहता हूं, कि हर जगह पुरूष, बिना क्रोध और विवाद के पवित्र हाथों को उठाकर प्रार्थना किया करें।  (1 तीमुथियुस 2:8)
इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है : क्योंकि हम नहीं जानते कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए, परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर, जो बयान से बाहर है, हमारे लिये विनती करता है।और मनों का जाॅंचनेवाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार विनती करता है। (रोमियो 8:26-27)
इसलिये मैं तुम से कहता हूॅं कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके माॅंगो तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा। (मरकुस 11:24)
और जो कुछ हम माॅंगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं। (1 यूहन्ना 3:22)
फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुॅंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना की, हे मेरे पिता, यदि हो सके तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो। (मत्ती 26:39)
परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर । तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी। (मत्ती 6:6-7)
इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएॅं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे॥ (इब्रानियों 4:16)
हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और विनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार विनती किया करो।(इफिसियों 6:18)
सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूॅंगा और कराहता रहूॅंगा, और वह मेरा शब्द सुन लेगा। (भजन संहिता 55:17)
 
 
वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुॅंह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता। (भजन संहिता 102:17)
 
 
 

प्रिय आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यावाद। बाइबल में प्रार्थना को लेकर बहुत से वचन है इसलिए हमने प्रार्थना से संबंधित वचन के तीन भागों में आर्टिकल लिखे है। दुसरे आर्टिकल में बहुत ही जल्द पब्लिश करुगा।

Thank you ….. 😃😃😃 

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