Bible me prayer ke vachan hindi me part 2



बाइबल में प्रार्थना के वचन हिंदी में part 2 

प्रिय,

आज हम बाइबल में से प्रार्थना से संबंधित वचन के दूसरे भाग को देखेंगे अगर आपने पहले भाग को नहीं देखा तो देखने के लिए यँहा क्लिक करे click here

 
मैं प्रेम रखता हूं, इसलिये कि यहोवा ने मेरे गिड़गिड़ाने को सुना है।उसने जो मेरी ओर कान लगाया है, इसलिये मैं जीवन भर उसको पुकारा करूंगा। (भजन संहिता 116:1-2)
हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।(यशायाह 30:19)
उनके पुकारने से पहिले ही मैं उन को उत्तर दूॅंगा, और उनके मांगते ही मैं उनकी सुन लूॅंगा। (यशायाह 65:24)
और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। (मत्ती 6:5)
मैं तुम से सच कहता हूं, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बान्धोगे, वह स्वर्ग में बन्धेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा। फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे माॉंगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी।क्योंकि जहाॅं दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहाॅं मैं उन के बीच में होता हूं॥ (मत्ती 18:18-20)
और जो कुछ तुम मेरे नाम से माॅंगोगे, वही मैं करूॅंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो। यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ माॅंगोगे, तो मैं उसे करूॅंगा। (यूहन्ना 14:13-14)
 
 
 
यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो माॅंगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। (यूहन्ना 15:7)
उस दिन तुम मुझ से कुछ न पूछोगे: मैं तुम से सच सच कहता हूं, यदि पिता से कुछ माॅंगोगे, तो वह मेरे नाम से तुम्हें देगा। अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं माॅंगा; माॅंगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए॥(यूहन्ना 16:23-24)
परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। (याकूब 4:8)
और जो कुछ हम माॅंगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं। (1 यूहन्ना 3:22)
और हमें उसके सामने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ माॅंगते हैं, तो हमारी सुनता है। और जब हम जानते हैं, कि जो कुछ हम माॅंगते हैं वह हमारी सुनता है, तो यह भी जानते हैं, कि जो कुछ हम ने उस से मांगा, वह पाया है। (1 यूहन्ना 5:14-15)

यहोवा जो इस्राएल का पवित्र और उसका बनाने वाला है, वह यों कहता है, क्या तुम आने वाली घटनाएॅं मुझ से पूछोगे? क्या मेरे पुत्रों और मेरे कामों के विषय मुझे आज्ञा दोगे? (यशायाह 45:11)
तुम मुझे ढूॅंढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे। (यिर्मयाह 29:13)
यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच कहता हूं; यदि तुम विश्वास रखो, और सन्देह न करो; तो न केवल यह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ से किया गया है; परन्तु यदि इस पहाड़ से भी कहोगे, कि उखड़ जो; और समुद्र में जा पड़, तो यह हो जाएगा। और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से माॅंगोगे वह सब तुम को मिलेगा॥ (मत्ती 21:21-22)
इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके माॅंगो तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा। (मरकुस 11:24)
और मैं तुम से कहता हूं; कि माॅंगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूॅंढ़ों तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई माॅंगता है, उसे मिलता है; और जो ढूॅंढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा। (लूका 11:9-10)
और न अविश्वासी होकर परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर संदेह किया, पर विश्वास में दृढ़ होकर परमेश्वर की महिमा की।और निश्चय जाना, कि जिस बात की उस ने प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरा करने को भी समर्थ है। (रोमियो 4:20-21)
 
 
 
अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी विनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ्य के अनुसार जो हम में कार्य करता है। (इफिसियों 3:20)
प्रिय आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यावाद। प्रार्थना से संबंधित तीसरे आर्टिकल में बहुत ही जल्द पब्लिश करुगा।
 
Thank you ….. 😃😃😃

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