bible verse about tithes and offering

 देने के विषय में बाइबल क्या बताती है  bible verse about tithes and offering

जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना॥ (नीतिवचन 3:27)
दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा: लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा॥ (लूका 6:38)
यदि कोई भाई या बहिन नगें उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो।
और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्त रहो; पर जो वस्तुएॅं थे देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ?
वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है। (याकूब 2:15-17)
 
ऐसे हैं, जो छितरा देते हैं, तौभी उनकी बढ़ती ही होती है; और ऐसे भी हैं जो यथार्थ से कम देते हैं, और इस से उनकी घटती ही होती है। 
उदार प्राणी हृष्ट पुष्ट हो जाता है, और जो दुसरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी। (नीतिवचन 11:24-25)
जो कोई तुझ से माॅंगे, उसे दे; और जो तुझ से उधार लेना चाहे, उस से मुॅंह न मोड़॥ (मत्ती 5:42)

तेरे देश में दरिद्र तो सदा पाए जाएॅंगे, इसलिये मैं तुझे यह आज्ञा देता हूॅं कि तू अपने देश में अपने दीन-दरिद्र भाइयों को अपना हाथ ढीला करके अवश्य दान देना॥ (व्यवस्थाविवरण 15:11)
अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना;
इस प्रकार तेरे खत्ते भरे और पूरे रहेंगे, और तेरे रसकुण्डोंसे नया दाखमधु उमण्डता रहेगा॥ (नीतिवचन 3:9-10)
जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी। (नीतिवचन 21:13)
सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूॅं कि नहीं। (मलाकी 3:10)
इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके। 
परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बाॅंया हाथ न जानने पाए। 
ताकि तेरा दान गुप्त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा॥ (मत्ती 6:2-4)
तब राजा उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूॅं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। (मत्ती 25:40)
 
 
परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा।
हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है।
और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो।
जेसा लिखा है, उस ने बिखेरा, उस ने कंगालों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा।
अत: जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा।
कि तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ।
क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्र लोगों की आवश्यकताएॅं पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है। (2 कुरिन्थियों 9:6-12)
 
आमीन। 

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