10 plagues on egypt in hindi मिस्त्र देश पर 10 विपत्तियों

10 Plagues on egypt in hindi मिस्त्र देश पर 10 विपत्तियों

जय मसीह की ,
हेलो दोस्तों आज हम जिस विषय के बारे में जाने वाले है वो मिस्त्र पे यहोवा ने जो विपत्तियों को लाया था उसको देखने वाले है

बाइबल में, कभी कभी परमेश्वर दुष्टोँ को दंड देने के लिए भारी विपत्तियों ( महामारियों ) भेजता हे , अपने चुने हुवे लोगो को यह दिखने के लिए की वह उनकी अनाज्ञाकारिता के कारण क्रोधित हो, या यह दर्शाने के लिए प्रकृति का सर्वोच्च परमेश्वर है । ये विपत्तियों इतनी अधिक विनाशकारी होती है की इसमें कोई भी शंका नहीं रह जाती की ये परमेश्वर की तरफ से आयी है । उत्पति 12:10-20 में अब्राहम की पत्नी सारा मिस्त्र के राजा के पास रहने जाती है , यह कहकर की वह अब्राहम की बहन है । चूँकि सारा अब्राहम की पत्नी थी , इसलिए परमेश्वर ने और जो उसके राजमहल में थे उन सब पर भयंकर बीमारियोँ भेजी । दंड स्वरूप भेजी गयी विपतियोँ के अन्य उदाहरण के लिए 1 शमूएल 5,6 एवं 2 राजा 19:35 देखें ।बाइबल में सब से जानी मानी विपत्तियों वे है जिनका वर्णन निर्गमन में किया गया है ,मिस्त्र से इस्त्राएलियों के बच निकलने से पहले घटी थी जो निचे दी गयी है –

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मिस्त्र देश पर 10 विपत्तियों

1. नील नदी का पानी लहू बन गया ( निर्गमन 7:14-24 )

2. सम्पूर्ण देश को मेंढकों ने जा लिया ( निर्गमन 8:1-15 )

3. चुटकियों ने सब मनुष्यों एवं जानवरों को ढाॅंप लिया ( निर्गमन 8:16-19 )

4. बांहों के झुण्ड के झुण्ड घरों में और सब जगह भर ग‌ए‌ ( निर्गमन 8:20-24 )

5. एक बीमारी से मिस्रियों के सब पशु मर मिटे ( निर्गमन 9:1-7)

6. मनुष्यों एवं जानवरों पर फफोले और फोड़े निकल आए ( निर्गमन 9:8-12)

7. मिस्त्र देश के मनुष्यों, पशुओं और खेतों की सारी उपज पर आग मिश्रित भारी ओले गिरे ( निर्गमन 9:13-35)

8. टिड्डियों ने सब वृक्षों और पौधों को चट कर डाला ( निर्गमन 10:1-20)

9. सम्पूर्ण देश पर तीन दिन तक अन्धकार छाया रहा ( निर्गमन 10:21-29)

10. मिस्त्रियों के सभी मनुष्यों और पशुओं के नर पहइलऔठओं की मृत्यु ( निर्गमन 11:1-9, 12:1-30)

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हलाकि इन विपत्तिओं में से कुछ को लाने में मिस्त्र के जादूगर सफल हुवे थे , परन्तु केवल परमेश्वर ही भारी विपदाए ला सकता था, और परमेश्वर के लोग ही इन विपदाओं से बच रहे । जादूगरों ने मान लिया और कहा ,” यह तो परमेश्वर के हाथ का काम है ” जब वे स्वयं इन विपदाओं को या तो ला न सके , या इन्हे समाप्त न कर सके थे। यीशु ने इसी तरह के वाक्यांश का प्रयोग किया था , जब उसने यह दिखाया की वह लोगो में से दुष्टात्माओं को कैसे निकलता है ( लुका 11:20 ) कुछ भजन ( भजन संहिता 78:43-51; 105:26-36; 135:8,9; 136:10 ) और इस्राएली नबियों के लेख ( आमोस 4:10; हबक्कूक 3:5 ) इन विपत्तियों के महत्त्व को दर्शाते है की इसे के कारण कैसे इस्राएली मिस्त्र से बच निकले थे । इसके साथ ही साथ , इस्रायलियों को स्मरण दिलाया गे था की यदि वे उस व्यवस्था के अनुशार जीवन नहीं बिताएंगे , जो परमेश्वर ने मूसा को दी थी, तो परमेश्वर उन पर भी ऐसी ही विपत्तियों भेज सकता है ( गिनती 14:12; व्यवस्थाविवरण 28:21-23; 28:60-62; 32:22-24 ) ।

आपको ये artical पढ़ के कैसा लगा comment करके जरूर बताये ।GOD BLESS YOU….

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